लक्ष्मी कान्त-प्यारे लाल ने कई साल तक कल्यानजी आन्नद जी के सहायक के रूप में कई फिल्मों में संगीत दिया "छैला बाबू"लक्ष्मी कान्त-प्यारे लाल की पहली फिल्म थी पर यह 7 रील बनने के बंद हो गयी थी 1963 में रिलीज़ हुई फटेंसी फिल्म पारस मणी से उनके नाम का डंका मच गया कई साल तक लगातार लक्ष्मी प्यारे ने बेस्ट मुज़िशय्न का फिल्म फेयर अवार्ड भी अपने नाम किये लक्ष्मी कान्त अब इस दुनिया में नहीं है,प्यारे लाल को लोग अब भूल चुकें हैं
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