Thursday, November 17, 2011

Tum Agar Saath Dene Ka HUMRAAZ High Quality


विम्मी एक हठी पंजाबी लड़की जो सबसे पहले अपने माता-पिता के खिलाफ विद्रोह करती है और एक मारवाड़ी उद्योगपति के बेटे शिव अग्रवाल से शादी कर लेती है अब विम्मी का दूसरा विद्रोह था ससुराल वालों से संगीत निर्देशक रवि ने विम्मी को कलकत्ता में एक पार्टी में देखा और उन्हें बम्बई आने की दावत दे दी और वो बन गयी बी आर चोपड़ा. की 'हमराज़' 1967 की नायिका विम्मी की कुछ और फिल्में ('वचन', 'पतंगा', 'आबरू थी थी पति शिव अग्रवाल का "हस्तक्षेप' होने लगा था रोमांटिक सीन्स के वक्त लिहाज़ा पति पत्नी के बीच दूरियां आने लगी और इस आग में घी डालने का काम जॉली ' ने किया शिव अग्रवाल विम्मी को छोड़ कर कलकत्ता वापस अपने परिवार के पास लौट गये पति का "हस्तक्षेप: कुछ निर्मातों ने विम्मी को अपनी फिल्म से निकाल दिया कुछ ने रूपये वापस ले लिए विम्मी करोडपति घर से थी ससुराल भी करोड़ पति था लिहाज़ा वो
महंगी जीवन शैली जीने की आदि थी,अब ना तो वो स्टारडम था और न पैसा ले देकर एक ही आदमी था उनके जीवन में जिसका नाम था जॉली ने विम्मी का भरपूर" इस्तेमाल" किया और उसी ने एक दिन गम गलत करने के लिए विम्मी के हाथ में देशी दारू की बोत्तल दे दी अब विम्मी नशे की आदि हो चुकी थी अगर इस सच पर यकीं करें तो विम्मी ने पेट की भूख शांत करने और शराब के लिए "वेश्यावृत्ति" शुरू कर दी
महज 42 साल की उम्र में विम्मी की मौत बम्बई के एक सरकारी अस्पताल के जनरल वार्ड में हुई और सांताक्रूज शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार हुआ जहाँ उनका शव "ठेले" पर लेकर पहुंचा था जॉली,जॉली कब विम्मी के नजदीक आया पता नहीं कहा जाता है के उसने निर्मातों से रूपये लेने शुरू कर दिए थे की वो विम्मी का "खास" शूट करवा देगा जब इस शूट की बारी आती तो शिव अग्रवाल बीच में आ जाते तब विम्मी जॉली का पक्ष लेती सेट पर ही जल्द ही यह वज़ह विम्मी और शिव के बीच अलगाव बनी न घर न ससुराल न दोस्त और नहीं फ़िल्मी दुनिया से कोई एक बेहद जिद्दी महिला का अंत कुछ ऐसे हुआ था,विमलेश अग्रवाल उर्फ़ विम्मी का जिद्दी नेचर ही उन्हें ले डूबा और रही सही कसर जॉली ने पूरी कर दी

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