Friday, December 23, 2011

jingle bells

Thursday, November 17, 2011

Tum Agar Saath Dene Ka HUMRAAZ High Quality


विम्मी एक हठी पंजाबी लड़की जो सबसे पहले अपने माता-पिता के खिलाफ विद्रोह करती है और एक मारवाड़ी उद्योगपति के बेटे शिव अग्रवाल से शादी कर लेती है अब विम्मी का दूसरा विद्रोह था ससुराल वालों से संगीत निर्देशक रवि ने विम्मी को कलकत्ता में एक पार्टी में देखा और उन्हें बम्बई आने की दावत दे दी और वो बन गयी बी आर चोपड़ा. की 'हमराज़' 1967 की नायिका विम्मी की कुछ और फिल्में ('वचन', 'पतंगा', 'आबरू थी थी पति शिव अग्रवाल का "हस्तक्षेप' होने लगा था रोमांटिक सीन्स के वक्त लिहाज़ा पति पत्नी के बीच दूरियां आने लगी और इस आग में घी डालने का काम जॉली ' ने किया शिव अग्रवाल विम्मी को छोड़ कर कलकत्ता वापस अपने परिवार के पास लौट गये पति का "हस्तक्षेप: कुछ निर्मातों ने विम्मी को अपनी फिल्म से निकाल दिया कुछ ने रूपये वापस ले लिए विम्मी करोडपति घर से थी ससुराल भी करोड़ पति था लिहाज़ा वो
महंगी जीवन शैली जीने की आदि थी,अब ना तो वो स्टारडम था और न पैसा ले देकर एक ही आदमी था उनके जीवन में जिसका नाम था जॉली ने विम्मी का भरपूर" इस्तेमाल" किया और उसी ने एक दिन गम गलत करने के लिए विम्मी के हाथ में देशी दारू की बोत्तल दे दी अब विम्मी नशे की आदि हो चुकी थी अगर इस सच पर यकीं करें तो विम्मी ने पेट की भूख शांत करने और शराब के लिए "वेश्यावृत्ति" शुरू कर दी
महज 42 साल की उम्र में विम्मी की मौत बम्बई के एक सरकारी अस्पताल के जनरल वार्ड में हुई और सांताक्रूज शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार हुआ जहाँ उनका शव "ठेले" पर लेकर पहुंचा था जॉली,जॉली कब विम्मी के नजदीक आया पता नहीं कहा जाता है के उसने निर्मातों से रूपये लेने शुरू कर दिए थे की वो विम्मी का "खास" शूट करवा देगा जब इस शूट की बारी आती तो शिव अग्रवाल बीच में आ जाते तब विम्मी जॉली का पक्ष लेती सेट पर ही जल्द ही यह वज़ह विम्मी और शिव के बीच अलगाव बनी न घर न ससुराल न दोस्त और नहीं फ़िल्मी दुनिया से कोई एक बेहद जिद्दी महिला का अंत कुछ ऐसे हुआ था,विमलेश अग्रवाल उर्फ़ विम्मी का जिद्दी नेचर ही उन्हें ले डूबा और रही सही कसर जॉली ने पूरी कर दी

Tuesday, November 15, 2011

ek rut aaye.flv


गौतम गोविंदा 2 मार्च 1979 को रिलीज़ हुई थी,लखनऊ में यह रिलीज़ हुई "गुलाब" में जो कभी लखनऊ का शानदार हॉल हुआ करता था अपने सुपर वाइड 70 MM स्क्रीन और बेहतरीन ऑडियो के लिए अहम् किरदार में थे शशि कपूर,शत्रुघन सिन्हा ,मौसमी और कभी हीरो रहे विजय अरोड़ा उनके किरदार का नाम था गोपाला,-निर्देशक थे सुभास घई

Saturday, October 29, 2011

Begum Akhtar - tere anjaam pa rona aaya


बेगम अख्तर,ग़ज़ल,ठुमरी,दादरा की Mallika-e-Ghazal (Queen of Ghazals) पैदाइश 7 अक्टूबर 1914 को फैज़ाबाद में हुई हुई इस बात में कोई शक नहीं है,30 अक्टूबर को उनकी विलादत मानते है कुछ लोग पर पुराने लखनऊ के अम्बर गंज में पंसद बाग़ के उनके पुश्तेनी कब्रिस्तान में मौजूद उनकी कब्र पर विलादत 31 अक्टूबर 1974 दर्ज है.यहाँ पर उनकी माँ की
भी कब्र है बेगम अख्तर ख्वाहिश थी जब उनका इंतकाल हो तो उन्हें पसंद बाग़ में उनकी वालिदा की
कब्र के पास दफनाया जाए

Friday, October 28, 2011

Sun Mere Sajan - Madhuri Dixit & Tapas Paul - Abodh


"अबोध"1984 माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म हीरो थे "तापस पौल" बैनर था राजश्री, निर्देशक थे गोविन्द मुनीस,"अबोध" के बाद वो "आवारा बाप"1985 , "स्वाति" और कर्मा" 1986 और उत्तर दक्षिण"हिफाजत" "मोहरे" 1987 में दिखाई थी और "तेज़ाब" 1988 ने उन्हें बना दिया "धक् धक् गर्ल"1988 में "खतरों के खिलाडी,"इलाका"और दयावान रिलीज़ हुई थी 1989 में "सात"1990 में "नौ"1991 में चार,1992 में"सात 1993 में "पांच"1994 में "दो" 1995 में "तीन" 1996 , में दो,1997 में पांच,1998 में दो, 19999 में चार 2000 एक में,2001 में दो, 2002 में दो और 2007 में आजा नाच ले के वो फिल्मों में नहीं दिखाई दी,माधुरी शंकर दीक्षित आज कल साबुन के विज्ञापन में नज़र आ रही है

Monday, October 17, 2011

हिसार का एक सच यह भी----


2009 के लोक सभा चुनाव में हरियाणा में 10 में से 9 सीटें जीती थी 2009 में हिसार लोक सभा की सीट चौधरी भजन लाल ने जीती थी,3 जून 2011 को चौधरी भजन लाल इस दुनिया में नहीं रहे इसलिए यहाँ उपचुनाव हुआ.चमत्कारी "पाक साफ़' टीम अन्ना यहाँ पहुंची और उस कांग्रेस को हराने की अपील कर डाली जो यहाँ लड़ाई में थी ही नहीं यकीन ना तो नतीजे देख ले जयप्रकाश तो कभी यहाँ लड़ाई में थे ही नहीं फिर टीम अन्ना ने किसे हराया ?
कुलदीप बिश्नोई, बेटे हैं चौधरी भजन लाल के,अजय चौटाला बेटें हैं चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के कुलदीप बिश्नोई,के भाई हैं चन्र्द मोहन बिश्नोई,सोरी चाँद मोहम्मद जिन्होंने साल 2008 में इस्लाम कबूल कर लिया और फिजा से निकाह कर लिया 2009 में फिर वो चन्र्द मोहन बिश्नोई, बन गये कुलदीप बिश्नोई साफ़ सुधरी छवि के हैं अजय चौटाला पर भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं
हरियाणा से आज तक "दूध से ज्यादा धुली महान भारतीय जनता पार्टी" अब तक एक भी सीट लोक सभा की जीत नहीं पाई है यहाँ हमेशा कांग्रेस और उससे निकले लोग ही लोकसभा और विधान सभा में जाते रहे हैं कुलदीप बिश्नोई भी पुराने कांग्रेसी हैं वैसे हरियाणा "आया राम और गया राम"के लिए मशहूर है 17 अक्टोबर को चेनल अन्ना फेक्टर का गुणगान करेंगे पर सच तो यह कांग्रेस तो यहाँ थी ही नहीं पर इस कमी का फायदा महान भारतीय जनता पार्टी' को मिलना चाहिए था जो 2014 के लिए अभी से सपनो की दुनिया में खो गयी है

Sunday, October 16, 2011

Khoobsurat Haseena - Kishore Kumar & Kumkum - Mr X In Bombay

SHEHNAI - AANA MERI JAAN SUNDAY KE SUNDAY


तब कैमरा एक पोजीशन में रहता था,राजकुमार संतोषी के पापा पी.एल.संतोषी ने गीत लिखा था और निर्देशन भी किया,संगीतकार\गायक थे सी,रामचंद्र,जो चिल्तकर के नाम से भी जाने जाते थे फिल्म है 1947 की सुपर हिट ":शहनाई "

Saturday, October 1, 2011

KISMAT - Kajra Mohobbat Wala


"kismat", 1968, this song showcases two beautiful heroines, the first "Babita Bhambani" and the second " Vishwajit kumar chaterjee"

Friday, September 30, 2011

Ae Bhai Zara Dekh Ke Chalo - Raj Kapoor - Mera Naam Joker - Bollywood Ev...

R.K' "MERA NAAM JOKER" IS A CPOY FROM AN AMERICAN CLASSIC CALLED "THE GREATEST SHOW ON EARTH"IT"S AN OSCAR WINNING MOVIE OF THE YEAR 1952

Saturday, August 20, 2011

Kamal Barot & Lata - Hansta Hua Nooraani Chehra - Parasmani [1963]


लक्ष्मी कान्त-प्यारे लाल ने कई साल तक कल्यानजी आन्नद जी के सहायक के रूप में कई फिल्मों में संगीत दिया "छैला बाबू"लक्ष्मी कान्त-प्यारे लाल की पहली फिल्म थी पर यह 7 रील बनने के बंद हो गयी थी 1963 में रिलीज़ हुई फटेंसी फिल्म पारस मणी से उनके नाम का डंका मच गया कई साल तक लगातार लक्ष्मी प्यारे ने बेस्ट मुज़िशय्न का फिल्म फेयर अवार्ड भी अपने नाम किये लक्ष्मी कान्त अब इस दुनिया में नहीं है,प्यारे लाल को लोग अब भूल चुकें हैं

Lata Mangeshkar-'Baaje ghungroo chhun chhun...' in 'Shikari'(1963)


हामिद अली खान उर्फ़ अजीत ने ( 27 January 1922 Golconda,22 October 1998 in Hyderabad)1946 Shahe Misra से अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत की कई फिल्मों में हीरो का रोल किया और 1966 में सूरज में वो विलेन बने और आखिर तक विलेन ही रहे Mona darling,smart boy,Lili don't be silly,mona loot lo sona,Sara shehar mujhe Loyan ke naam se janata hai,"What's your problem?"" I lost my glasses"" Smart Boy"" How very interesting.."आ गले लग जा (1994) शायद उनकी आखिरी फिल्म थी

Saturday, August 13, 2011

Adhikar - Koi Maane Ya Na Maane - Kishore Kumar - Asha Bhonsle


फरीदा जलाल,नंदा,नाज़ और नाज़िमा 1960 से 1970 के बीच चल रहे ट्रेंड का शिकार हो गयी यह ट्रेंड कई साल तक चला,बहन के रोल के लिए सब यही नाम थे यह सब बेहतरीन अभिनेत्रियाँ थी नाज़ भी अब इस दुनिया में नहीं हैं पर हिंदी फिल्मों के गोल्डेन दौर की इन अदाकारों की यादें आज भी जिंदा हैं और कल भी रहेगी फिल्म अधिकार 1971 में नाज़िमा ने यादगार अभिनय किया था

Hum Behnon Ke Liye Mere Bhaiya


1969 "अनजाना" रिलीज़ हुई थी लक्ष्मी-प्यारे और आन्नद बक्षी की जुगल बंदी जबरदस्त फ़ार्म में थी,इस राखी गीत के लिए फिल्म में जगह नहीं थी फिर यह गाना फिल्म में डाला गया जो हिट हुआ, और नाज़िमा पर छाप लग गयी बहन वाले रोल करने की,1972 बे-इमान में Best Supporting Actress का फिल्म फेयर अवार्ड भी जीता था रोल मनोज कुमार की बहन का. टावरहॉउस (1962)से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने जिद्दी (1964) गजल (1964) अप्रैल फूल (1964) फ़रियाद (1964)आरजू (1965) निशान (1965)आये दिन बहार के (1966) दिल्लगी (1966) औरत (1967) राजा और रंक (1968) अनजाना (1969) डोली (1969) तमन्ना (1969) वारिस (1969)अभिनेत्री (1970) अधिकार (1971) हेरोइन का रोल
बे -ईमान (1972) दो यार (1972) मेरे भैया (१९७२) राखी और हथकड़ी (1972) हनीमून (1973) मनचली (1973)अमीर गरीब (1974)अलबेली (1974)उजाला ही उजाला (1974)Dayar- e-मदीना(1975) में हेरोइन का रोल साइड हेरोइन बहन का रोल ही उनके हिस्से में आया एक बेमिसाल अभिनेत्री नाज़िमा ने किसी भी रोल से परहेज़ नहीं किया बहन की भूमिका में को फिट और हिट थी बताया जाता है 1975 में सिर्फ 27 साल की उम्र में उनकी मौत केंसर से हो गयी थी और उनकी मौत के बाद "रंगाखुश" (1975)सन्यासी (1975) रिलीज़ हुई थी.

Sunday, August 7, 2011

Jalebi Ad - with good sound quality.avi


"जाना तो है" जलेबी 90 के दशक के ऐसे ADVT.दिखते नहीं है

Friday, August 5, 2011

Vivin Lobo - Ich Liebe Dich - I Love you - Sangam [1964] English German ...


संगम 1964 आर.के. बैनर की पहली रगीन फिल्म,जिसकी वक्त फिल्म की शूटिंग एफिल टावर के पास हो रही थी,राज कपूर साहब ने VIVIN LOBO की आवाज़ सुनी और संगम में गाना गाने का मौका दे दिया,VIVIN LOBO उस दौर में एफिल टावर देखने आये लोगों को यह गाना सुनाते थे जिसके बदले उन्हें मिलती थी "बख्शीश"

The Great Gambler - Do Lafzon Ki Hai Dil Ki Kahani - Sharad Kumar - Asha...


वेनिस,नदियों झीलों का शहर फिल्मकारों की पसंदीदा जगह The Great Gambler,1979, की शूटिंग वेनिस में हुई थी यह बात और है की The Great Gamble,बॉक्स आफिस पर पिट गयी,लखनऊ में यह रिलीज़ हुई थी आन्नद में यह मेल वायस थी शरद कुमार की

Hum Tum Dono - Kamal Hassan & Rati Agnihotri - Ek Duje Ke Liye


1981 रति अग्निहोत्री की पहली हिंदी फिल्म,साउथ में उनका जलवा था,"एक दूजे के लिए" तब उन्हें हिंदी नहीं आती थी,उनके लिए डबिंग की थी ज़रीना कादर ने,पता नहीं अब ज़रीना कादर कहाँ और किस हाल में है

Waaris [classic film].mov


1988 स्मिता पाटिल की मौत हो चुकी थी और अधूरी थी वारिस की डबिंग स्मिता पाटिल के हिस्से के डायलोग की डबिंग की थी रेखा ने

Waaris [classic film].mov

Tuesday, July 26, 2011

Sunday, July 24, 2011

Sophia Loren....An Italian Beauty

बेमिसाल सोफिया लारेन

सोफिया लारेन हौलीवुड की एक ऐसी अदाकारा हैं,जिनका नाम आज भी इज्ज़त से लिया है १९५० में अपना फ़िल्मी सफ़र शुरू करने वाली सोफिया लारेन ने हौलीवुड में अपना एक अलग ही मुकाम बनाया था,बेमिसाल एक्टिंग,एक्टिंग खुबसूरत और बेमिसाल करेक्टर, हौलीवुड जहाँ सुबह शुरू ही प्रेम कथा शाम तक ख़त्म हो जाती है वही सोफिया लारेन ने एक पुरुष से प्यार और उसी से शादी की अनोखी मिसाल बना थी जिस पर आज भी उनका ही हक़ है,1950 से 1960 के बीच उनकी कुल 48 फिल्में रिलीज़ हुई,1961 से 2011 तक कुल 46 फिल्म आई Sophia Loren: Her Own Story 1980 में रिलीज़ हुई थी ,१९५० और १९५१ के बीच सोफिया लारेन को छोटे-२ रोल मिलते थे कहीं भीड़ में कहीं बार में तो कभी किसी आफिस में दिखाई देती थी Two Nights with Cleopatra
से पूरी दुनिया में शोहरत मिली सोफिया लारेन की मुलाकात 1950 में कार्लो Ponti से हुई थी तब सोफिया महज़ 15 साल की थी और कार्लो Ponti 37 साल के थे इन दोनों ने 17 सितंबर, 1957 को शादी कर ली. हालांकि, कार्लो Ponti ने आधिकारिक तौर पर इतालवी कानून के तहत अपनी पहली पत्नी Giuliana से तलाक नहीं लिया था लिहाज़ा उनकी शादी 1962 में रद्द हो गयी और वे द्विविवाह के आरोपों से बच गये थे, 1965 में, कार्लो Ponti को पानी पहली पत्नी Ponti Giuliana से तलाक मिला फ्रांस में और 9 अप्रैल, 1966 को सोफिया लारेन, कार्लो Ponti ने शादी कर ली बाद में कार्लो Ponti फ्रांसीसी नागरिक बन गए थे तब फ्रांस के राष्ट्रपति जार्ज Pompidou थे तमाम दिक्कतों के बाद सोफिया लारेन कार्लो Ponti की यह बेमिसाल जोड़ी बनी रही,सोफिया लारेन के दो बेटे हैं कार्लो Ponti जूनियर (जन्म 29 दिसंबर, 1968) और Edoardo Ponti (जन्म 6 जनवरी, 1973):उसका जी बेटियों साशा अलेक्जेंडर और एंड्रिया Meszaros हैं सोफिया लोरेन के तीन पोते है. लूसिया Ponti (जन्म 12 मई, 2006), विटोरियो Ponti (जन्म3 अप्रैल, 2007) . और लियोनार्डो Fortunato (जन्म 20 दिसंबर, 2010) सोफिया Loren और कार्लो Ponti का साथ 10 जनवरी, 2007 तक बना रहा,कार्लो Ponti कई बीमारियों के चलते कमज़ोर हो चुके थे,बीमारियाँ ही कार्लो Ponti की मौत की वजह बन गयी थी...............1..........

Saturday, July 23, 2011

वक्त ने किया क्या हंसी सितम

1995 के बाद सब बदलने की शुरुआत हो चुकी थी,गुलाबो,सिताबो ना जाने कब गायब हो चुकी थी,सर्कस का दम निकल चुका था,इवनिंग शो और नाईट पिट गये थे,सुबह अखबार की ख़बरें अब हर मिनट में न्यूज़ चेनल पर मौजूद रहने लगी थी,अब मल्टीप्लेक्स का दौर है,जल्दी ही सिंगल विंडो सिनेमा हाल का अंत होने जा रहा है,अकेले लखनऊ में,नाज़ अशोक,प्रकाश,ओडियन,अलंकार,शिल्पी,आनंद,तुलसी,प्रिंस,कैपिटल,जयहिंद,मेहरा,जगत,निशात,किर्श्न्ना,सुदर्शन,बसंत,मेफेयर,अतीत का हिस्सा बन चुके है,जल्द ही मिट जायेगा रहे सहे सिनेमा हाल का वजूद.अगर मनोरंजन कर कम दिया गया होता तो यह तस्वीर दूसरी होती.कई सिनेमा हाल ऐसे हैं जिनकी यादें हमेशा जेहन में रहेंगी,मेफेयर में कई साल तक इंग्लिश फ़िल्में ही लगती रही तो नाज़,अशोक,प्रकाश,मेहरा,जगत,किर्श्न्ना,सुदर्शन में 2nd RUN की फिल्में ही लगी,मेहरा ने 22 या 23 हफ्ते में चल रही फिल्म को खरीद के अपने यहाँ चलाया,जब सिल्वर जुबली की TROPHY आई तो उसमें मेहरा सिनेमा का नाम होता था,कई फिल्मों की सिल्वर,गोल्डेन,DIAMOND जुबली की फेहरिस्त में सबसे पहला नाम मेहरा सिनेमा हाल का था,पाकीज़ा पिट चुकी थी,पर 31 मार्च 1972 को हुई मीना कुमारी की मौत ने पाकीज़ा को हिट कर दिया,मेफेयर में सिल्वर जुबली हफ्ते में दुपट्टे बांटे गये थे.तीसरी कसम का दिवाला निकल गया पहले हफ्ते में फिल्म पिट गयी,निर्माता और गीतकार शेलेन्द्र को दिल का दौरा पड़ गया,क्योंकि वो अपनी जीवन भर की कमाई तीसरी कसम में लगा चुके थे,शेलेन्द्र की मौत के बाद "कैपिटल" में तीसरी कसम ने 50 हफ्ते पूरे किये थे,लीला,कैपिटल,गुलाब में एक साथ 6 जुलाई 1980 को रिलीज़ हुई थी,फ़िरोज़ खान की "कुर्बानी".एक दो साल एक ही सिनेमा हाल में एक ही फिल्म लगी रहती थी उस दौर में फिल्मिस्तान कम्पनी ने पूरे भारत में कई शहरों में सिनेमा हाल बनवाये जिनमें एक लखनऊ में था यह 1979 तक वजूद में रहा,क्योंकि फिल्मिस्तान कम्पनी लगातार चल घाटे के चलते अपना बोरिया बिस्तर समेट रही थी,फिल्मिस्तान कम्पनी खुद की बनाई गयी फिल्मों को सबसे पहले अपने सिनेमा हाल में रिलीज़ करती थी,फिल्मिस्तान में कई साल तक उनकी खुद की बनाई गयी फिल्म "नागिन" का प्रदर्शन होता रहा फिल्मिस्तान बिक गया और इसे नयी शक्ल और सूरत मिली,नयी फिल्म के साथ "अमरदीप" अब इस हाल का नाम है "साहू" .
"फिल्मस्तान" के बाद वाली बिल्डिंग में था "प्रिंस" किसी भी नए आने वाले के लिए एक ही बिल्डिंग में थे दोनों सिनेमा हाल,जब की ऐसा नहीं था,बायीं तरफ प्रिंस में लगी फिल्म के पोस्टर, तो दाहिनी तरफ फिल्मस्तान में लगी फिल्म के पोस्टर लगे रहते थे,फिल्मिस्तान के बाद वाली बिल्डिंग प्रिंस सिनेमा हाल की थी,वक्त का हंसी सितम प्रिंस सिनेमा हाल पर कहर बन कर टूटा,प्रिंस भी लगातार चल रहे घाटे के बिक गया और टूट गया,अब यहाँ है "प्रिंस मार्केट "......जारी है.....

Monday, March 7, 2011