30 जनवरी को सुबह 10.59 और 11.00 बजे के बीच जब सारे शहर में सायरन बजने लगे तो इधर उधर मत भागे न परेशान हों पड़ोसी देश ने हमला भी नहीं किया है कुछ कहलें उनकी "बरसी" है ना आप उन्हें अपने हिसाब से जो कहतें हो या जो आपने सीखा हो वो कह लीजीये कहने से कोई किसी को रोकेगा,वो ही जो नोट पर हैं और एक SMS के मुताबिक़ उनका मुह खुला हुआ है "क्योंकी यह नोट एक खास जगह से निकला है आप समझ गये होंगे की में बाबा E कौम की बात कर कर रहा हूँ, LUCKNOW के जिला सूचना कार्यालय से प्रेस नोट जारी हुआ था उसमें यही लिखा था की यह सायरन इस बात की की तरफ इशारा है न परेशान हों और 1 मिनट के लिए रुकना है, मौन वर्त रखना है,जब कांग्रेस जन यह सब नहीं करते तो आर.एस.एस.समाजवादी,सर्वजन वादी और किसी से भी सरोकार न रखने वाले क्यों यह सब करें तो भाई मत डरना सायरन बजे तो बजा करे क्या नाम था उनका........................ BHALA SA नाम था ARE WAHI जो नोट पर हैं,
Friday, January 29, 2010
Monday, January 25, 2010
खता माफ़
बात है इसी बसंत पंचवी की,फिर आई 26 जनवरी की दोस्तों को एसएम्एस किये पर जवाब आये 2-4 ही मुझे याद है 25दिसंबर और 1 जनवरी खूब एसएम्एस आये और अब एसएम्एस आयेंगे 14 फरवरी को वैसे भी 26 जनवरी और 15अगस्त सरकारी पर्व हैं,हमलोग दरअसल बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाने हैं खबर सारे जहां की पर अपने आसपास क्या हो रहा है खबर नहीं शुक्र है बीएसएनएल का 2 दिन तक 26 जनवरी की शुभ कामना सुनने को मिलती रही वैसे बात बात पर एस एम् एस करने वाले शायद कहीं खो गये हैं,अब लगता नामवर और बेनाम शहीदों की बात करना फ़िज़ूल है, अब रोने वालों की फौज है माइकल जैक्सन की मौत पर.अब लता जी भी ऐसे गाने नहीं गाती हैं जिन्हें सुनकर कोई रो सके,लखनऊ में शहीद स्मारक की सीड़ीयों पर लिखा है की जूते चप्पल उतार कर आयें वीं लोग जूते चप्पल पहन कर बैड्तें हैं और पास की झाडीयों में नयन सुख का लुत्फ़ भी लेते हैं,हो सकता है किस्मत आप पर मेहरवान हो "और" भी कुछ देखने को मिल जाए,बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर
अचछा बाकी फिर
अचछा बाकी फिर
Friday, January 22, 2010
14 साल के बाद लगता है महिलाओं को 33% का आरक्षण मिलकर ही रहेगा आज इसे महिला दिवस के अवसर पर लोकसभा में पेश कर दिया जाएगा इसके मौजूदा सरूप को लेकर विरोध हो रहा है,lucknow में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (वोमेन) अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर का कहना है की 33% के बजाए 50% आरक्षण मिलना चाहिए
"मेरी प्रतिकिर्या बिलकुल ठीक नहीं हैं,क्योंकी में चाहती हूँ 14 साल के बाद यह इतना अहम् बिल आ रहा है, और इसका विरोध भी शुरू हो गया है,शुरू से ही विरोध होता चला आया है इसको हम 33 % नहीं चाहते हम 50% चाहते हैं,क्योंकी 33% होगा तो क्रीमी लेयर वहां सब पहुँच जायगी और कोटे में कोटा की बात हो रही है उसमें फिर लड़ाई झगडा और विवाद शुरू जायेगी और जो मुस्लिम महिलाएं, दलित महिलाएं हैं तो उनको भी पूरा न्याय नहीं मिल पायेगा तो क्रीमी लेयर पहुँच जाएगा
"मेरी प्रतिकिर्या बिलकुल ठीक नहीं हैं,क्योंकी में चाहती हूँ 14 साल के बाद यह इतना अहम् बिल आ रहा है, और इसका विरोध भी शुरू हो गया है,शुरू से ही विरोध होता चला आया है इसको हम 33 % नहीं चाहते हम 50% चाहते हैं,क्योंकी 33% होगा तो क्रीमी लेयर वहां सब पहुँच जायगी और कोटे में कोटा की बात हो रही है उसमें फिर लड़ाई झगडा और विवाद शुरू जायेगी और जो मुस्लिम महिलाएं, दलित महिलाएं हैं तो उनको भी पूरा न्याय नहीं मिल पायेगा तो क्रीमी लेयर पहुँच जाएगा
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