Monday, January 25, 2010

खता माफ़

बात है इसी बसंत पंचवी की,फिर आई 26 जनवरी की दोस्तों को एसएम्एस किये पर जवाब आये 2-4 ही मुझे याद है 25दिसंबर और 1 जनवरी खूब एसएम्एस आये और अब एसएम्एस आयेंगे 14 फरवरी को वैसे भी 26 जनवरी और 15अगस्त सरकारी पर्व हैं,हमलोग दरअसल बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाने हैं खबर सारे जहां की पर अपने आसपास क्या हो रहा है खबर नहीं शुक्र है बीएसएनएल का 2 दिन तक 26 जनवरी की शुभ कामना सुनने को मिलती रही वैसे बात बात पर एस एम् एस करने वाले शायद कहीं खो गये हैं,अब लगता नामवर और बेनाम शहीदों की बात करना फ़िज़ूल है, अब रोने वालों की फौज है माइकल जैक्सन की मौत पर.अब लता जी भी ऐसे गाने नहीं गाती हैं जिन्हें सुनकर कोई रो सके,लखनऊ में शहीद स्मारक की सीड़ीयों पर लिखा है की जूते चप्पल उतार कर आयें वीं लोग जूते चप्पल पहन कर बैड्तें हैं और पास की झाडीयों में नयन सुख का लुत्फ़ भी लेते हैं,हो सकता है किस्मत आप पर मेहरवान हो "और" भी कुछ देखने को मिल जाए,बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर
अचछा बाकी फिर

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