Thursday, August 9, 2012

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली,गाँधी जी ने सत्य और अहिंसा के बल पर जो मिसाल पेश की उसकी मिसाल दूसरी नहीं है, गाँधी जी ने कभी भी अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गाँधी जी बैरिस्टर थे,जिस मकसद को लेकर चले थे गाँधी जी उसे पूरा कर गये .अब बात जेपी बाबू की तो ने विलायत से वापस आने पर कांग्रेस में शामिल हुए, 1932 में civil disobedience ,भारत छोड़ो आन्दोलन 1942 में शामिल रहे, कई साल जेल में रहे, Congress 
Socialist Party, में आचार्य नरेन्द्र देव जी के साथ रहे.1954 में आचार्य बिनोभा भावे जी के साथ भूदान आन्दोलन में शामिल रहे, जिस सम्पूर्ण क्रान्ति का नारा जेपी बाबू ने दिया था वो उसको हासिल कर चुके थे,जून 1975 में दिल्ली के रामलीला मैदान में जो भीड़ जेपी बाबू को सुनने आई थी उससे देखकर रामधारी सिंह दिनकर ने कविता लिखी थी सिंघासन खाली करो के जनता आती है "यह बात और है की टीम अन्ना के कवि कुमार विस्वास जिस भाषा का इस्तेमाल करते है वो पूरा देश जानता है j जेपी बाबू जेल में रहे इमरजेंसी में जनता पार्टी की टूट का कारण यही "दूध की धुली" पार्टी का पुराना अवतार "भारतीय जनसंघ" रही,दोहरी सदस्यता के सवाल पर जनता पार्टी बिखर गयी,और जनता पार्टी की सरकार में भारत के विदेश मंत्री कहाँ हैं "विदेश" में .विदेश में क्यों है ? क्योंकि वो विदेश मंत्री है,यह जुमले मशहूर हुए थे,तब विदेश मंत्री थे श्रीमन अटल बिहारी बाजपेयी (आर.टी.आई. का इस्तेमाल करने वाले धयान दे जनता पार्टी की सरकार में विदेश मंत्री भारत में कितने दिन रहे और विदेश में कितने महीने? कितने देशों की यात्रा की ? कितना रुपया इस पर खर्चा हुआ (आर.टी.आई.प्लीज़)
गाँधी जी और जेपी बाबू के पैर की जूती भी नहीं है किशन बाबूराव हजारे सिर्फ आठवा पास हैं और गाँधी जी और जेपी बाबू ---------

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