Friday, December 7, 2012

"गर्म धर्म"

धर्मेन्द्र सिंह  दयोल  8 दिसंबर,1935 हिन्दी फ़िल्मों के "गर्म धर्म" लुधियाना के गाव साहनेवाल से वो लुधियाना रेलवे स्टेशन आते जहाँ वो रेलवे में क्लर्क थे, लगभग सवा सौ रुपये तनख्वाह थी,व्हीलर शाप से  फिल्म फेयर मैगज़ीन(english) खरीदते और हमेशा यही सोचते थे की एक दिन उनकी भी तस्वीर यहाँ  होगी उन्ही दिनों  Filmfare ने  new talent award का एलान किया धर्मेन्द्र ने वो  इश्तेहार देखा और भर कर कुछ फोटो के  साथ  भेज दिया कुछ महीनों के बाद Filmfare  new talent award का नतीजा आया इसके विजेता थे, धर्मेन्द्र ने  मेट्रिक तक ही तालीम पूरी की। स्कूल के वक्त से ही फिल्मों का इतना शौक था कि दिल्लगी (1949) फिल्म को 40 से भी ज्यादा बार देखा था उन्होंने। अक्सर क्लास में पहुँचने के बजाय सिनेमा हॉल में पहुँच जाया करते थे। । 19 साल की उम्र में ही शादी भी हो चुकी थी उनकी प्रकाश कौर के साथ। फिल्म फेयर  talent award विनर धर्मेन्द्र को कई नामी गिरामी PRODUSERS ने  नापसंद कर दिया कुछ ने उन्हें फ़ुटबाल खिलाडी बनने की सलाह भी दी, धर्मेन्द्र की मुलाकात हुई अर्जुन हिंगोरानी से  हिंगोरानी ने अपनी फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे के लिये उन्हें हीरो के रोल के लिए साइन कर लिया 51 रुपये साइनिंग एमाउंट देकर। पहली फिल्म में  हेरोइन कुमकुम थीं।  दिल भी तेरा हम भी तेरे 1960,से धर्मेन्द्र और अर्जुन हिंगोरानी का साथ शुरू हुआ जो  कब क्यों और  कहाँ 1970 कहानी किस्मत की 1973,खेल खिलाडी का 1977,कातिलों के कातिल 1981, करिश्मा कुदरत का 1985,सल्तनत 1986,कौन करे  क़ुरबानी 1991,कैसे कहूँ ... प्यार के हैं 2003 तक रहा, धर्मेन्द्र  की दूसरी फिल्म थी शोला और शबनम 1961 इस फिल्म की हेरोइन थी तरला इस फिल्म के गाने थे " जीत ही लेंगे बाज़ी,जाने क्या ढूँढती रहती,फीट लिखे कैफ़ी आजमी और संगीतकार थे खय्याम,दोनों ही फ़िल्में चली नहीं संघर्ष के दौर  में जुहू में एक छोटे से कमरे में रहते थे। अनपढ़ (1962), बंदिनी (1963) तथा सूरत और सीरत (1963) से उनकी पहचान बनी,आई मिलन की बेला 1964 में वो विलंन बने हीरो थे  राजेन्द्र कुमार हेरोइन थी सायरा बानू  निर्माता जे ओम प्रकाश ने अपनी अगली फिल्म आये दिन बहार के 1966 और  आया सावन झूम के 1969 आस पास 1981 में हीरो लिया धर्मेन्द्र पर उनकी हेरोइन हमेशा मेहरवान रही 1966 ओ.पी. रल्हन की फिल्म फूल और पत्थर जो साल की सबसे बड़ी  हिट फिल्म साबित  हुई, फूल और पत्थर से धर्मेन्द्र  ने पीछे मुड़कर नहीं देखा । 200 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है धर्मेंद्र ने, कुछ यादगार  फिल्में हैं अनुपमा, मँझली दीदी, सत्यकाम, शोले, चुपके चुपके। धर्मेन्द्र अपने स्टंट सीन  बिना डुप्लीकेट की  मदद के खुद ही करते थे। चिनप्पा देवर की फिल्म मां में चीते के साथ फाइट की थी, अपने कैरियर के शुरू में, वह आम तौर पर रोमांटिक हीरो के रूप में नज़र आते थे बाद में एक्शन हीरो के रूपमें, उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत में कई प्रमुख अभिनेत्रियों के साथ अभिनय किया. सूरत और सीरत 1962, बंदिनी 1963, अनपढ़ में माला सिन्हा 1962 पूजा के फूल 1964 शादी में सायरा बानो 1962 आई  मिलन की बेला 1964 पद्मिनी तनुजा  नूतन और मीना  कुमारी  के साथ मैं भी लड़की हूं 1964, काजल,पूर्णिमा 1965 फूल और पत्थर 1966 के अलावा शर्मिला टैगोर, मुमताज, आशा पारेख, लीना चंदावरकर रेखा, जीनत अमान हेमा मालिनी के साथ जोड़ी बनी हेमा मालिनी, के साथ तुम हंसी में राजा जानी, सीता और गीता, शराफत, जुगनू, दोस्त, चरस, मां  चाचा भतीजा आज़ाद प्रतिज्ञा शोले.प्रतिज्ञा चरस,आज़ाद,आसपास.  धर्मेंद्र की सबसे यादगार फिल्म थी  हृषिकेश मुखर्जी के साथ सत्यकाम,बिमल रॉय मोहन कुमार, यश चोपड़ा  राज खोसला, रमेश सिप्पी, अर्जुन हिंगोरानी अनिल शर्मा और राजकुमार संतोषी  रघुनाथ झालानी के साथ जुड़े,के साथ जुड़े,हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों में एक्टिंग की,कई लोगों की मदद फ़िल्मी दुनिया में उन्होंने की,पर उन पर यह दाग भी है उनकी मदद करने वाली मीना कुमारी की मदद उन्होंने नहीं की  247 से भी ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग करने वाले "ही मेंन" धर्मेन्द्र को कभी उनकी एक्टिंग के लिए फिल्म  फेयर अवार्ड नहीं मिला 1997 में जब उन्हें  Filmfare Lifetime Achievement Award  मिला तो वो बहुत संजीदा हो गये थे फिल्म  फेयर से अपने रिश्ते को उन्होंने जाहिर कर दिया था, दूसरा अवार्ड IIFA   Lifetime Achievement Award  2007 .में उन्हें मिला.Dharmendra has also been active in politics. He was elected as a Member of the Parliament in the 2004 general elections, from Bikaner in Rajasthan, on a Bharatiya Janata Party ticket. During his election campaign, he made an ironic remark that he should be elected Dictator perpetuo to teach "basic etiquette that democracy requires" for which he was severely criticized.Dharmendra rarely attended Parliament when the house was in session, preferring to spend the time shooting for movies or doing farm-work at his farm house. From his first marriage, he has two sons, Sunny Deol and Bobby Deol both successful actors, and two daughters, Vijeeta and Ajeeta. From his second marriage to Hema Malini, Dharmendra has two daughters Esha Deol, who is an actress, and Ahana Deol.  

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